बर्ड फ्लू
दोस्तो दुनियाभर में फैले अनेक बीमारियों का नाम सुना होगा उन्हीं मेंं सेेेे एक बीमाारी के बारेे में विस्तार से जानेंगे इस बीमारी का नाम बर्ड फ्लूू है।
1. बर्ड फ्लू क्या है? लक्षण, कारण
1.1 बर्ड फ्लू क्या है?
1.2 लक्षण
1.3 कारण
2. बर्ड फ्लू का बच्चों में प्रभाव
2.1 इम्यूनिटी सिस्टम क्या है?
3. विश्व में बर्ड फ्लू का पहला मामला
4. भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला
5. बर्ड फ्लू के स्ट्रेन
6. बर्ड फ्लू का इलाज तथा दवा
6.1 बर्ड फ्लू का इलाज
6.2 दवा (Medicine)
7. बर्ड फ्लू से बचने के उपाय
1:- बर्ड फ्लू क्या है? लक्षण, कारण
1.1 बर्ड फ्लू क्या हैै:-
बर्ड फ्लू को एवियन इनफ्लुएंजा भी कहा जाता है यह वायरस के कारण फैलता है । यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है अगर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह महामारी का रूप ले सकती हैं। यह इंफेक्शन मुर्गियों, मोर, बत्तख तथा पक्षियों में तेजी से फैलता हैै। इनफ्लुएंजा वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे पक्षियों की मौत हो जाती हैं।
इस बीमारी से ज्यादातर मुर्गियां या पक्षीयां ही प्रभावित होती हैं। यह बीमारी जानवरों में बहुत ही कम देखने को मिलता है जबकि मनुष्य में बहुत कम होता है। लेकिन जब ऐसे मनुष्य, पोल्ट्री फॉर्म या पक्षियों के संपर्क में आता है, जोकि इस वायरस से ग्रसित हैं तो वह व्यक्ति भी ग्रसित हो जाता है।
अब तक बर्ड फ्लू से अनेकों देशों के लोग प्रभावित हैं। जिसमें से ज्यादातर मामला साउथ ईस्ट एशिया से हैं।
1.2 बर्ड फ्लू के लक्षण:-
- बुखार आना (100 F or 38 Degree Celcius)
- दस्त होना
- सिर में दर्द रहना
- गले में खराश होना
- नाक बहना
- गले में सूजन आना
- हमेशा दस्त होना
- सांस लेने में भी विभिन्न समस्या होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सिर दर्द होना
- डायरिया
नोट :-
- वर्ल्ड फ्लू के लक्षण 3 से 5 दिन के बाद दिखने लगते हैं।
- जबकि कुछ परिस्थितियों में 7 दिन के बाद दिखते हैंं।
- बर्ड फ्लू इंसानों के आंख, नाक व मुंह के माध्यम से अंदर पहुंच कर ग्रसित कर देता हैं।
1.3 बर्ड फ्लू का कारण:-
- मुर्गियों या पक्षियों के निकट रहने से इस वायरस से मनुष्य ग्रसित हो सकता है।
- इंसानों में यह वायरस उनके मुंह नाक और आंख के माध्यम से फैलता है।
- मरे हुए पक्षियों के संपर्क में आने से यह वायरस फैलता है।
- जो व्यक्ति पोल्ट्री फॉर्म में रहते हैं उसके संपर्क में आने से भी फैलता है।
- यह पक्षियों के लार से भी फैलता हैै।
2. बर्ड फ्लू का बच्चों में प्रभाव:-
2.1 इम्यूनिटी सिस्टम क्या हैै:-
3. विश्व में बर्ड फ्लू का पहला मामला:-
WHO(World Health Organization) के अनुसार H5N1 वायरस सबसे पहले मानव में 1997 में देखा गया था। और इससे ग्रसित लोगों में से 60% लोगों की मृत्यु भी हो गई थी।
अगर हम इस वायरस से ग्रसित होने वाले पहले केस की बात करें तो पहला हॉन्ग कोंग में 1997 में पाया गया था, जो कि यह केस पोल्ट्री फॉर्म से प्रभावित था।
4. भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला:-
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार 2006 में इस बात की पुष्टि की गई थी कि भारत के महाराष्ट्र राज्य में मुर्गियों में बर्ड फ्लू के वायरस पाया गया। यह पहला मामला था जब दुनिया के अनेक देशों में फैल चुकी वायरस को भारत में पहली बार पाया गया था।
5. बर्ड फ्लू के स्ट्रेन:-
पूरी दुनिया में बर्ड फ्लू के लगभग 15 स्ट्रेन हैं। जोकि H1N1, H1N8, H2N9, H3N2, H3N8, H4N6, H4N3, H6N6, H5N1, H5N8, H7N3, H7N7, H7N9, H9N2, H14N4 है।
लेकिन H5N1 स्ट्रेन सबसे ज्यादा इंसानों को संक्रमित करता है। और यह काफी खतरनाक भी साबित हुआ है। जबकि वर्ल्ड फ्लू के वायरस H7N9, H7N7 और H9N2 से संक्रमित इंसानों को कभी कभी देखा गया है
6. बर्ड फ्लू का इलाज तथा दवा
6.1 बर्ड फ्लू का इलाज:-
बर्ड फ्लू किसी मरीज को है या नहीं, इसकी जांच डॉक्टर पॉलीमिरेज चेन रिएक्शन (Polymerase Chain Reaction - PCR) के जरिए करते हैं। या टेस्ट करवाने से या पता चल जाता है कि आपके शरीर में बर्ड फ्लू के वायरस का न्यूक्लिक एसिड है या नहीं। इसके आधार पर डॉक्टर यह पता करते हैं, कि इंसान के शरीर में किस प्रकार का बर्ड फ्लू वायरस है। यानी H5N1 है या H7N9 या कोई और वायरस है। अगर ऐसे पता नहीं चलता तो डॉक्टर खून की जांच करके एंटीबॉ़डी का पता लगाते हैं।
6.2 दवा (Medicine):-
7. बर्ड फ्लू से बचने के उपाय
7.1 ठीक से पका हुआ खाना खाये-
बर्ड फ्लू से बचने के लिए आपको किसी भी प्रकार के खाना को ठीक से पका कर खाना चाहिए। क्योंकि यह वायरस ताप के प्रति संवेदनशील होते हैं।
7.2 कच्चा मांस न छुये-
यदि आप किसी भी प्रकार के चिकन का दुकान से खरीदते हैं। तो उस समय आप सावधानि यह बरतें की उस मीट को या मांस को हाथ से न छुए, क्योंकि यदि वह मांस वायरस से ग्रसित है। तो आपके छूने पर आप भी ग्रसित हो जाएंगे।
7.3 पोल्ट्री फॉर्म से दूरी बनाए-
बर्ड फ्लू से बचने के लिए आपको पोल्ट्री फॉर्म तथा पोल्ट्री फॉर्म में कार्य करने वाले व्यक्ति से दूरी बनाकर रहने की जरूरत होती है। क्योंकि यह वायरस मुर्गियों से फैलता है। यदि पोल्ट्री फॉर्म में किसी मुर्गी को यह वायरस है तो उसके संपर्क में आने से पोल्ट्री में काम कर रहे व्यक्ति को भी यह वायरस हो जाएगा।
7.4 साफ सफाई-
किसी भी प्रकार के वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई एक महत्वपूर्ण कार्य है। आपको अपने आसपास की जगह की साफ-सफाई उचित तरीके से करनी चाहिए। ताकि वहां पर किसी प्रकार के पक्षी या जानवर का लार गिरा हो तो साफ हो जाए।
7.5 सैनिटाइजर का प्रयोग करें-
साफ सफाई के साथ-साथ आपको वायरस से बचने के लिए उचित सैनिटाइजर का भी प्रयोग करते रहना चाहिए, ताकि यदि कोई वायरस आपके संपर्क में है तो वह नष्ट हो जाए।