वैदिक पेंट:- यह पेंट गाय के गोबर से बना हुआ है। इस पेंट को खादी प्रकृतिक पेंट तथा cow dung paint भी कहा जाता है। इस पेंट को बनाते समय प्रकृति के साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य को भी पूर्ण रूप से ध्यान में रखा गया है
वैदिक पेंट के कुछ मुख्य तथ्य:- वैदिक पेंट में हम कुछ मुख्य तत्वों के बारे में जानेंगे जैसे कि
- वैदिक पेंट की बनावट
- वैदिक पेंट के प्रकार
- वैदिक पेंट की क्वालिटी
- वैदिक पेंट को किस कंपनी ने बनाया है
- वैदिक पेंट को प्रमाणित किसने किया है
- वैदिक पेंट को बनाने का उद्देश्य क्या है
- वैदिक पेंट से किसको फायदा होगा
अब हम एक-एक करके जानेंगे इसके बारे में विस्तार से तो आइए देखते हैं:-
वैदिक पेंट की बनावट:-
यह पेंट पूर्ण रूप से गाय के गोबर से बना हुआ तथा इसका मुख्य घटक भी गाय का गोबर ही है। इस पेंट को बनाते समय प्राकृतिक तथा मनुष्य के स्वास्थ्य को पूर्ण रूप से ध्यान में रखा गया है। यह Vaidik paint पर्यावरण के अनुकूल, जीवाणु रोधी, गैर विषैले रंग का है।
इस पेंट को दीवाल पर लकड़ी पर या लोहे पर भी लगाया जा सकता है। जो कि अलग-अलग प्रकार से बाजार में उपलब्ध होगा , यह खादी तरह का पहला पेंट होगा। इस पेंट को लगाने के बाद, अगर कोई व्यक्ति इसे wash करना चाहता है तो तो वह इसे धो (wash) सकता है।
वैदिक पेंट के प्रकार:- यह पेंट दो प्रकार का हैं।
Plastic emulsion paint
Dispainter paint
वैदिक पेंट की क्वालिटी:-
वैदिक पेंट को बनाते समय निम्न बातों को ध्यान में रखा गया। यह सस्ता, टिकाऊ तथा ज्यादा दिनों तक चलने वाला है। यह फंगसरोधी जीवाणु रोधी हैं,और साथ ही सीसा, पारा ,क्रोमियम और असैनिक और आरसेनिक ,कैडमियम और भारी धातुओं से मुक्त है।
यह 2 लीटर से लेकर के 5 लीटर तक के पैकिंग में उपलब्ध होगा
वैदिक पेंट को बनाने वाली कंपनी:-
इसको तैयार करने वाली कंपनी भारत की है यह वैदिक पेंट कुमारम्पा नेशनल हैन्डमेड पेपर इंस्टिट्यूट ,जयपुर में बनाया गया है। इस पेन्ट को बनाने के लिए प्रयुक्त होने वाले घटक में मुख्य घटक गाय का गोबर है और इस पेन्ट की विशेषता यह हैै कि इसे लगाने के 4 घंटे के बाद ही सूख जाता है।
वैदिक पेंट खादी और ग्रामोद्योग आयोग के विशेषज्ञों द्वारा विकसित ऑर्गेनिक वैदिक पेंट के नाम से भी जाना जाता है इस पेंट को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप माना गया है।
पेंट की थिकनेस और स्मूथनेस या बरस ब्रश पर चलने जैसे अन्य मापदंडों के लिए भी राष्ट्रीय स्तर की सरकारी व निजी लैब से इसका परीक्षण किया गया है।
और भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इसको प्रमाणित किया गया। जिसमें इस वैदिक पेंट को देश की 3 सबसे बड़ी प्रशिक्षण एजेंसी है नेशनल टेस्ट हाउस गाजियाबाद, नेशनल टेस्ट हाउस मुंबई ,श्री रम इंडस इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च नई दिल्ली में इसका टेस्ट किया गया है
पेन्ट को बनाने का उद्देश्य:-
गाय के गोबर से पेंट बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों की आय को बढ़ाना तथा किसानों द्वारा जब गाय पाला जाता है तो उनसे जो गोबर निकलता है, उसका उचित प्रयोग करके किसानों की आय बढ़ाई जाए जिससे कि किसानों को एक अतिरिक्त आय का स्रोत मिल सके ।
वैदिक पेंट से फायदा:-
वैदिक पेंट से किसानों को मुख्य फायदा होने वाला है। क्योंकि इस पेट को बनाने में जो कच्चे पदार्थ का प्रयोग होगा, वह गाय का गोबर होगा। पहले किसान गाय के गोबर को खेतों में खाद के लिए डाल देते हैं, तथा अधिक होने पर उसका प्रयोग उपला बनाकर के इंधन के रूप में करते थे। लेकिन इसके साथ एक और भी गाय केे गोबर का प्रयोग जुड़ गया है।
अब किसान गाय का गोबर बेचकर वर्ष में ₹30,000 से ₹55,000 तक कमा सकते हैं। इससे किसान की आमदनी बढ़ जाएगी, और यह पैसा किसान अपने किसी अन्य उपयोगी कार्य में लगा सकते हैं।
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